Sunday, June 10, 2012

जियो जी भर के

जियो जी भर के ............क्योंकि 

...दमित इच्छाओं से ग्रसित मन कभी भी अपने कर्तव्यों


की इतिश्री सुखपूर्वक नहीं कर सकता क्योंकि एक 


प्रसन्न व् संतुष्ट मन व् तन ही खुशियाँ बिखेर  सकता है 
...........
अब तो ज़िन्दगी से बस यही शिक्षा ली है .....


हम सभी लेखक व् कवि एक जैसा ही सोचतें हैं ....जैसे कि  कल हमारी एक वरिष्ठ कथाकार ने कहा कि ...........प्यारी स्वीट एंजिल जी ,


"आप मेरे मन की बात बिलकुल वैसे ही व्यक्त कर गयीं ............................. जो मैं अपनी कलम से नहीं कह पाई ..................बस मन में ही बुनती रह गयी.................शुक्रिया 
अच्छे कवि  की यही पहचान है.................कि हर पाठक को लगे कि जैसे उसका ही मन पढ़ लिया और उकेर दिया पृष्ठ प़र "
तुम्हे छू   कर  आ रही है  पवन .........

मुझे  गुदगुदा रही है पवन 

कि जैसे तुम यहीं हो ..........

मेरे पास ही कहीं हो ......

मेरे सजन.........

Heal yourself and love yourself ........DR.SWEET ANGEL


Heal yourself and love yourself for no other reason than you love. Love is the greatest gift of all; it can move mountains and change the direction of life. Open your heart with love, open the worlds with your love. ♥ Robin ♥
·       करना   ही तो पहले खुद  को  प्यार  करो .खुद का ध्यान रखो ...........  तभी आप दूसरों को प्यार  और सुरक्षा दे पाएंगे......अपने -आप से नाराज व्यक्ति कभी किसी को ख़ुशी नहीं दे सकता ....चाहो तो आजमा कर देख लो ..........
  •  बनना है तो पहले अपने आप के सच्चे मित्र 'best friend'  बनो ....तभी आप किसी के सच्चे और अच्छे मित्र बन पाएंगे ............
भरोसा करना है तो पहले खुद की आत्मशक्ति प़र भरोसा करो ...........जिसमे पर्वतों को हिलाने की भी शक्ति है ......दिशाओं को बदलने का भी हुनर है.....
प्यार लेना है तो पहले अपनी बाँहे  पसारना शुरू कर दो .......... ये पक्की बात है कि  जो बाँटोगे वही मिलेगा 



 कितना आनंद आता है न .जब मैं स्वम  को ही जन्म दिन की बधाई देतीं हूँ.........

 जहाँ शब्दों की लौ जले 
,चमके भावों की रौशनी,
फैले रिश्तों का उजियारा ,
घटे कडवाहट का अँधेरा 
ऐसा ही है '  स्वीट एंजिल  '  का
 जहाँ प्यारा ....................
जन्मदिन की शुभकामनाओं के साथ .........
डॉ.स्वीट ...........

भाव........तेरा कोई साथ न दे तो 
              तू खुद से प्रीत जोड़ ले 
बिछोना धरती को करके 
अरे आकाश ओढ़ ले 
उनके साथ बिता हर प्रणय-क्षण 
उनकी   हर    कोमल   छूअन
मिले थे  जब   नैनों    से    नयन 
हल-पल मेरे साथ आज भी हैं
तुम यहीं हो मेरे समीप ही ........
तेरी भोली सी मासूम मुस्कराहट पे ,
दुनिया लुटाने को जी चाहता है,
फूल की पंखुरिया खिल -खिल जाती हैं 
ओस की बूंदों सी इस मुस्कराहट पे